बुधवार, 18 मई 2016

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-5

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31. इनमें से कौन-सा आचार्य रस सूत्र का व्याख्याता नहीं है
(क) आनन्द वर्धन 

(ख) अभिनवगुप्त 
(ग) भट्टनायक 
(घ) भट्टलोल्लट

32. साधारणीकरण सिद्धान्त के आविष्कर्ता आचार्य कौन है –
(क) भट्टनायक 
(ख) आचार्य अभिनवगुप्त 
(ग) भट्टलोल्लट 
(घ) आचार्य शंकुक

33. लल्लट के मत से विभावादि एवं स्थायी भाव के संयोग का क्या अर्थ है—
(क) अनुमाप्य-अनुमापक सम्बन्ध 
(ख) उत्पाद्य – उत्पादक सम्बन्ध
(ग) भोज्य – भोजक सम्बन्ध 
(घ) कोई नहीं

34. शंकुक ने रस सूत्र में संयोग का अर्थ क्या माना है –
(क) उत्पत्ति 
(ख) भुक्ति 
(ग) अभिव्यक्ति 
(घ) अनुमिति

35. भुक्तिवाद किस आचार्य के रस निष्पत्ति सम्बन्धी मत का नाम है
(क) आचार्य मम्मट 
(ख) आचार्य विश्वनाथ 
(ग) आचार्य अभिनवगुप्त 
(घ) भट्टनायक

36. रस सूत्र में संयोग का अर्थ भोज्य-भोजक सम्बन्ध किस आचार्य ने माना है –
(क) आचार्य शंकुक 
(ख) भट्टनायक 
(ग) अभिनवगुप्त 
(घ) विश्वनाथ

37. भट्टनायक ने रस का स्थान कहाँ माना है –
(क) रंगमंच 
(ख) काव्य विबद्ध 
(ग) सह्रदय सामाजिक का चित्त 
(घ) मूल पात्र

38. अभिनवगुप्त के रस निष्पत्ति सम्बन्धी मत को किस नाम से जाना जाता है—
(क) भुक्तिवाद 
(ख) अभिव्यक्तिवाद 
(ग) आरोपवाद 
(घ) उत्पत्तिवाद

39. स्थायी भावों की संख्या कितनी मानी गई है –
(क) आठ 
(ख) नौ 
(ग) दस 
(घ) ग्यारह

40. किस रस को रसराज की संज्ञा दी गई है –
(क) करूण 
(ख) वात्सल्य 
(ग) श्रृंगार 
(घ) रौद्र

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-4

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21. वक्रोक्ति जीवितम् किसकी रचना है –
(क) मम्मट 
(ख) कुन्तक 
(ग) जगन्नाथ 
(घ) अभिनव गुप्त

22. औचित्यं रससिद्धस्य स्थिरं काव्यस्य जीवितम् किसकी उक्ति है –
(क) कुन्तक 
(ख) वामन 
(ग) दण्डी 
(घ) क्षेमेन्द्र

23. निम्नलिखित स्थायी भावों को उनके रस के साथ सुमेलित कीजिए –

सूची – 1 (स्थायी भाव)
(क) उत्साह 
(ख) शोक 
(ग) जुगुप्सा 
(घ) निर्वेद

सूची – 2 (रस)
1. करूण 
2. शान्त 
3. वीर 
4. रौद्र 
5. विभत्स

कूट –

      A   B     C        D

(A) 3    1     5         2

(B) 1    3     4         5

(C) 4    2     1         3

(D) 3    5     1         4

24. चन्द्रालोक किस आचार्य की रचना है –
(क) आचार्य जयदेव 
(ख) पंडितराज जगन्नथ 
(ग) अप्पय दीक्षित 
(घ) चिन्तामणि

25. विभावना अलंकार कहाँ होता है –
(क) जहाँ कारण कहीं हो और कार्य कहीं और हो
(ख) जहाँ कारण होते हुए भी कार्य न हो
(ग) जहाँ बिना कारण के कार्य हो 
(घ) जहाँ कराण के विपरीत कार्य हो

26. भरतमुनि के रससूत्र में संयोग और निष्पत्ति को अनुमान और अनुमिति किसने कहा है.
(क) अभिनव गुप्त 
(ख) भट्टनायक 
(ग) भट्टलोल्लट 
(घ) शंकुक

27. अनुकरण को प्रतिकृति न मानकर तुनर्सृजन किसने माना है ---
(क) अरस्तू 
(ख) प्लेटो 
(ग) लोंजाइनस 
(घ) इनमें सो किसी ने नहीं

28. रस सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य का नाम क्या है –
(क) भरत मुनि 
(ख) मम्मट 
(ग) अभिनवगुप्त 
(घ) भट्टनायक

29. भरतमुनि के ग्रन्थ का नाम बताइए –
(क) काव्यप्रकाश 
(ख) ध्वन्यालोक 
(ग) नाट्यशास्त्र 
(घ) रूपक रहस्य

30. भरत मुनि ने कितने रस माने हैं ---
(क) नौ 
(ख) आठ 
(ग) दस 
(घ) ग्यारह

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-3

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11. कालरिज ने कल्पना के कौनसे दो भेद बताए हैं —
(क) शुद्ध कल्पना – मिश्रित कल्पना 

(ख) प्राथमिक कल्पना – विशिष्ट कल्पना
(ग) कल्पानिक कल्पना – यथार्थ कल्पना 
(घ) भाव कल्पना – वस्तु कल्पना

12. आचर्य मम्मट ने काव्य के कितने गुण माने हैं –
(क) दस 
(ख) तीन 
(ग) पन्द्रह 
(घ) आठ

13. "काव्यशोभाकारन् धर्मानूलंकरान प्रच्क्षते" किस की उक्ति है –
(क) भामह 
(ख) विश्वनाथ 
(ग) वामन 
(घ) दण्डी

14. वाच्यार्थ का सम्बन्ध किस शब्द-शक्ति से होता है –
(क) अभिधा 
(ख) लक्षणा 
(ग) व्यंजना 
(घ) इनमें से कोई नहीं

15. काव्य चिन्तकों का सही विरीयता क्रम बताइए –
(क) अरस्तू 
(ख) आई. ए. रिचर्डस् 
(ग) टी.एस. इलियट 
(घ) सिगमण्ड फ्रॉयड
कूट 
(A) 1,2,3,4 
(B) 1,3,4,2 
(C) 1,3,2,4 
(D) 1,4,3,2

16. निम्नलिखित में से किसे आरोपवाद के नाम से जाना जाता है –
(क) भुक्तिवाद 
(ख) अभिव्यक्तिवाद 
(ग) उत्पत्तिवाद 
(घ) अनुमितिवाद

17. प्रेयानू रस की चर्चा सर्वप्रथम किस आचार्य ने की –
(क) आनन्दवर्धन 
(ख) उद्भट 
(ग) भरतमुनि 
(घ) रुद्रट

18. त्रिसदी का सर्वप्रथम विवेचन करने वाले हैं –
(क) प्लेटो 
(ख) अरस्तू 
(ग) रामचन्द्र शुक्ल 
(घ) डॉ. नगेन्द्र

19. आचार्य शंकुक का अनुमितिवाद किस दर्शन पर आधारित है ---
(क) न्याय दर्शन 
(ख) मीमांसा दर्शन 
(ग) सांख्य दर्शन 
(घ) शैव दर्शन

20. निम्नलिखित में कौनसा विषम संयोजन है –
(क) ज्याँ पाल सात्र – अस्तित्व वाद 
(ख) टी. एस. इलियट – निर्वेयक्तिकतावाद
(ग) लोजाइनस – विखण्डनवाद 
(घ) क्रोचे – अभिव्यंजनावाद