गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

सुधा अरोड़ा | SUDHA ARORA | INDIAN HINDI POET | साहित्यकार का जीवन परिचय

सुधा अरोड़ा

(सन् 1948)

सुधा अरोड़ा का जन्म लाहौर (पाकिस्तान) में हुआ। उच्च शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय से हुई। इसी विश्वविद्यालय के दो कॉलेजों में उन्होंने सन् 1969 से 1971 तक अध्यापन कार्य किया। कथा साहित्य में सुधा अरोड़ा एक चर्चित नाम है। उनके कई कहानी संग्रह प्रकाशित हैं - बगैर तराशे हुए, युद्ध-विराम, महानगर की भौतिकी, काला शुक्रवार, काँसे का गिलास तथा औरत की कहानी (संपादित) आदि। उनकी कहानियाँ लगभग सभी भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त कई विदेशी भाषाओं में अनूदित हैं। उन्होंने भारतीय महिला कलाकारों के आत्मकथ्यों के दो संकलन दहलीज़ को लाँघते हुए और पंखों की उड़ान तैयार किए हैं।

लेखन के स्तर पर पत्र-पत्रिकाओं में भी बराबर उनकी सक्रियता बनी हुई है। पाक्षिक सारिका में आम आदमी जिंदा सवाल और राष्ट्रीय दैनिक जनसत्ता में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर उनका साप्ताहिक स्तंभ वामा बहुचर्चित रहा। महिला संगठनों के सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी सक्रियता एवं समर्थन जारी है। महिलाओं पर ही केंद्रित औरत की दुनिया बनाम दुनिया की औरत लेखों का संग्रह है। 'उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान' द्वारा उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

सुधा अरोड़ा मूलत: कथाकार हैं। उनके यहाँ स्त्री विमर्श का रूप आक्रामक न होकर सहज और संयत है। सामाजिक और मानवीय सरोकारों को वे रोचक ढंग से विश्लेषित करती हैं।