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सोमवार, 10 जनवरी 2022
भेस बनाये सूर को, कायर सूर न होय | वृंद के दोहे | VRUND KE DOHE | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india
वृंद के दोहे
भेस बनाये सूर को, कायर सूर न होय।
खाल उढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहि होय।।
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प्रकृति मिले मत मिलत है, अनमिलते न मिलाय | वृंद के दोहे | VRUND KE DOHE | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india
वृंद के दोहे
प्रकृति मिले मत मिलत है, अनमिलते न मिलाय।
दूध दही से जमत है, कांडी ते फटि जाय।।
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ज्योति सरूपी हिये बसै, सब सरीर में ज्योति | वृंद के दोहे | VRUND KE DOHE | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india
वृंद के दोहे
ज्योति सरूपी हिये बसै, सब सरीर में ज्योति।
दीपक धरिये ताक में, सब घर आभा होति।।
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जैसे बंधन प्रेम को, तैसो बंधन और | वृंद के दोहे | VRUND KE DOHE | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india
वृंद के दोहे
जैसे बंधन प्रेम को, तैसो बंधन और।
काठहि भेदे कमल को, छेद न निकरे भौर।।
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सबै सहायक सबल के, कोई न निबल सहाय | वृंद के दोहे | VRUND KE DOHE | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india
वृंद के दोहे
सबै सहायक सबल के, कोई न निबल सहाय।
पवन जगावत आग को, दीपहि देत बुझाय।।
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रविवार, 9 जनवरी 2022
रहे समीप बड़ेन को, होत बड़ो हित मेल | वृंद के दोहे | VRUND KE DOHE | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india
वृंद के दोहे
रहे समीप बड़ेन को, होत बड़ो हित मेल।
सबही जानत बढ़त है, वृच्छ बराबर बेल।।
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