गुरुवार, 2 जून 2016
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-40
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-40
1. कौन सी रचना ‘छायावाद का उपनिषद’ मानी जाती है?
A) आँसू
B) कामायनी
C) जुही की कली
D) राम की शक्ति पूजा
2. कृष्ण सोबती के उपन्यास 'जिन्दगीनामा' में किस प्रदेश का चित्रण है?
A) काशी
2. कृष्ण सोबती के उपन्यास 'जिन्दगीनामा' में किस प्रदेश का चित्रण है?
A) काशी
B) पंजाब
C) दिल्ली
D) उत्तरप्रदेश
3. केदारनाथ सिंह का पहला काव्य-संग्रह कौन-सा है?
A) जमीन पक रही है
3. केदारनाथ सिंह का पहला काव्य-संग्रह कौन-सा है?
A) जमीन पक रही है
B) दीवार पर खून से
C) अभी बिल्कुल अभी
D) हड्डियों में छिपा ज्वर
4. 'नकेनवाद' के कवि किस राज्य के थे?
A) पंजाब
4. 'नकेनवाद' के कवि किस राज्य के थे?
A) पंजाब
B) उत्तर प्रदेश
C) महाराष्ट्र
D) बिहार
5. रीतिकाल को 'कला काल' नाम किसने दिया?
A) मिश्रबंधु
5. रीतिकाल को 'कला काल' नाम किसने दिया?
A) मिश्रबंधु
B) रमाशंकर शुक्ल रसाल
C) श्यामसुंदरदास
D) रामकुमार वर्मा
6. 'माडर्न वर्नकुलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का हिन्दी अनुवाद 'हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास' शीर्षक से किसने किया?
A) डॉ. किशोरीलाल गुप्त
6. 'माडर्न वर्नकुलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का हिन्दी अनुवाद 'हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास' शीर्षक से किसने किया?
A) डॉ. किशोरीलाल गुप्त
B) नन्ददुलारे वाजपेयी
C) रामचंद्रशुक्ल
D) डॉ. श्यामसुन्दर दास
7. आधुनिक काशी का चित्रण शिवप्रसाद सिंह के किस उपन्यास में है?
A) गली आगे मुडती है
7. आधुनिक काशी का चित्रण शिवप्रसाद सिंह के किस उपन्यास में है?
A) गली आगे मुडती है
B) अलग अलग वैतरणी
C) नीलाचाँद
D) वैश्वानर
8. 'लहरों के राजहंस' नाटक को मोहन राकेश ने पहले किस रूप में लिखा था?
A) उपन्यास
8. 'लहरों के राजहंस' नाटक को मोहन राकेश ने पहले किस रूप में लिखा था?
A) उपन्यास
B) कहानी
C) एकांकी
D) रेडियो नाटक
9. इनमें रामकुमार वर्मा का एकांकी नाटक कौन सा है?
A) लिप्स्टिक की मुस्कान
9. इनमें रामकुमार वर्मा का एकांकी नाटक कौन सा है?
A) लिप्स्टिक की मुस्कान
B) रेशमीटाई
C) मेहमान
D) सीता की माँ
10. 'पालगोमरा का स्कूटर' किसका कहानी संग्रह है?
A) इंद्रनाथ सिंह
10. 'पालगोमरा का स्कूटर' किसका कहानी संग्रह है?
A) इंद्रनाथ सिंह
B) नमिता सिंह
C) काशीनाथ सिंह
D) उदयप्रकाश
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-39
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1. 'रश्मि' किसका काव्य संग्रह है?
A) महादेवी वर्मा
B) पंत
C) निराला
D) नागार्जुन
2. संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का उल्लेख है?
A) 351
2. संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का उल्लेख है?
A) 351
B) 344
C) 343
D) 350
3. 'परदेशी' किसका उपनाम है?
A) श्यामसुंदरदास
3. 'परदेशी' किसका उपनाम है?
A) श्यामसुंदरदास
B) दुष्यन्त कुमार
C) अज्ञेय
D) नागार्जुन
4. कुलदील सिंह किस कवि के बचपन का नाम है?
A) शमशेर बहादुर सिंह
4. कुलदील सिंह किस कवि के बचपन का नाम है?
A) शमशेर बहादुर सिंह
B) धूमिल
C) नागार्जुन
D) कुंवर नारायण
5. प्रेमचंद ने किसे हिन्दी का 'बहत्तरीय नॉवल' कहा है?
A) सेवासदन
5. प्रेमचंद ने किसे हिन्दी का 'बहत्तरीय नॉवल' कहा है?
A) सेवासदन
B) प्रेमाश्रम
C) रंगभूमि
D) गोदान
6. विष्णुप्रभाकर को 'सत्ता के आर-पार' शीर्षक नाटक केलिए कौन-सा पुरस्कार मिला?
A) सरस्वती सम्मान
6. विष्णुप्रभाकर को 'सत्ता के आर-पार' शीर्षक नाटक केलिए कौन-सा पुरस्कार मिला?
A) सरस्वती सम्मान
B) कालिदास सम्मान
C) मूर्तिदेवी पुरस्कार
D) प्रेमचंद्र पुरस्कार
7. 'कलम का सिपाही' अमृतराय की किस प्रकार की रचना है?
A) संस्मरण
7. 'कलम का सिपाही' अमृतराय की किस प्रकार की रचना है?
A) संस्मरण
B) आत्मकथा
C) रेखाचित्र
D) जीवनी
8. 'चितकोबरा' किसका उपन्यास है?
A) उषा प्रियंवदा
8. 'चितकोबरा' किसका उपन्यास है?
A) उषा प्रियंवदा
B) मृदुला गर्ग
C) मन्नु भंडारी
D) कृष्णा सोबती
9. नरेश मेहता का प्रबंध काव्य 'प्रार्थना पुरूष' किसके जीवन पर आधारित है?
A) गाँधी जी
9. नरेश मेहता का प्रबंध काव्य 'प्रार्थना पुरूष' किसके जीवन पर आधारित है?
A) गाँधी जी
B) नेहरू
C) भगत सिंह
D) सुभाष चन्द्रबोस
10. 'भूखण्ड तप रहा है' – किसका काव्य-संकलन है?
A) श्रीकान्त वर्मा
10. 'भूखण्ड तप रहा है' – किसका काव्य-संकलन है?
A) श्रीकान्त वर्मा
B) केदारनाथ सिंह
C) चन्द्रकांत देनताले
D) धूमिल
बुधवार, 1 जून 2016
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-38
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1. सुकरात ने काव्य का हेतु किसे माना है?
A) क्षति-पूर्ति का हेतु
B) प्रतिभा
C) मानसिक विक्षिप्तता
D) प्रभुत्व कामना
2. अस्तित्ववादी विचारों के मूल लेखक कौन है?
A) कार्ल जेस्पर्स
2. अस्तित्ववादी विचारों के मूल लेखक कौन है?
A) कार्ल जेस्पर्स
B) गेब्रियल मार्शल
C) मार्टिन हेडेगर
D) सारन कीर्केगार्ड
3. मुंशी प्रेमचंद्र की हिन्दी भाषा में प्रकाशित पहली कहानी कौन-सी है?
A) देशप्रेम
3. मुंशी प्रेमचंद्र की हिन्दी भाषा में प्रकाशित पहली कहानी कौन-सी है?
A) देशप्रेम
B) पंचपरमेश्वर
C) रक्षाबन्धन
D) कफन
4. भारोपीय भाषा परिवार को पहले कौन-सा नाम दिया गया था?
A) इंडो जर्मनिक
4. भारोपीय भाषा परिवार को पहले कौन-सा नाम दिया गया था?
A) इंडो जर्मनिक
B) इंडो केल्टिक
C) जफ़ेटिक
D) काकेशियन
5. पंत जी का पहला काव्य संग्रह?
A) पल्लव
5. पंत जी का पहला काव्य संग्रह?
A) पल्लव
B) युगांत
C) गुंजन
D) वीणा
6. 'कुछ उथले कुछ गहरे' किसका निबंध संग्रह है?
A) शुक्ल
6. 'कुछ उथले कुछ गहरे' किसका निबंध संग्रह है?
A) शुक्ल
B) शिवपूजन सहाय
C) रघुवीर सिंह
D) गुलाब राय
7. हास्य रस के कितने भेद हैं?
A) चार
7. हास्य रस के कितने भेद हैं?
A) चार
B) पाँच
C) छह
D) सात
8. 'कोमल गाँधार' किस विधा की रचना है?
A) कहानी
8. 'कोमल गाँधार' किस विधा की रचना है?
A) कहानी
B) नाटक
C) उपन्यास
D) कविता
9. इनमें कौन सा उपन्यास प्रभा खेतान का है?
A) रूकोगी नहीं राधिका
9. इनमें कौन सा उपन्यास प्रभा खेतान का है?
A) रूकोगी नहीं राधिका
B) मुर्दा घर
C) अनारो
D) तालाबंदी
10. साहित्य में निर्वैयक्तिकता का सिद्धांत प्रतिपादित करनेवाला आलोचक कौन है?
A) लोंजाइनस
10. साहित्य में निर्वैयक्तिकता का सिद्धांत प्रतिपादित करनेवाला आलोचक कौन है?
A) लोंजाइनस
B) टी.एस. इलियट
C) क्रोचे
D) ऐ.ए. रिचर्डस
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-37
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-37
1. 'तुम चंदन हम पानी' किसका निबंध संग्रह है?A) कुबेरनाथ राय
B) रामविलास शर्मा
C) विद्यानिवास मिश्र
D) राम नारायण मिश्र
2. किस आधार भूमि बनाकर लिखा गया नागार्जुन का उपन्यास है ‘बलचनमा’ ?
A) कानपुर
2. किस आधार भूमि बनाकर लिखा गया नागार्जुन का उपन्यास है ‘बलचनमा’ ?
A) कानपुर
B) दिल्ली
C) मिथिला
D) काशी
3. 'पेरिइप्सुस' किसकी रचना है?
A) अरस्तु
3. 'पेरिइप्सुस' किसकी रचना है?
A) अरस्तु
B) प्लेटो
C) कॉलरिज
D) लाँजाइनस
4. इनमें गुप्तजी की कहानी कौन सी है?
A) दुलाईवाली
4. इनमें गुप्तजी की कहानी कौन सी है?
A) दुलाईवाली
B) नकली किला
C) छाया
D) गुलबहार
5. इनमें कौन सी रचना गीति नाट्य नहीं है?
A) करूणालय
5. इनमें कौन सी रचना गीति नाट्य नहीं है?
A) करूणालय
B) एक कंठ विषपायी
C) आठवाँ सर्ग
D) उत्तर प्रियदर्शी
6. 'दाल रे' किसका छद्म नाम था?
A) प्रसाद
6. 'दाल रे' किसका छद्म नाम था?
A) प्रसाद
B) अज्ञेय
C) प्रेमचंद्र
D) यशपाल
7. इनमें ओमप्रकाश वाल्मीकी का उपन्यास कौन-सा है?
A) काली रेत
7. इनमें ओमप्रकाश वाल्मीकी का उपन्यास कौन-सा है?
A) काली रेत
B) माटी की सौगंध
C) मुक्ति पर्व
D) छप्पर
8. इनमें विषम छंद कौन-सा है?
A) गीतिका
8. इनमें विषम छंद कौन-सा है?
A) गीतिका
B) दोहा
C) छप्पय
D) सोरठा
9. अपने को 'कौटुंबिक कवि मात्र' कहने वाला कवि कौन है?
A) हरिऔध जी
9. अपने को 'कौटुंबिक कवि मात्र' कहने वाला कवि कौन है?
A) हरिऔध जी
B) गुप्त जी
C) प्रसाद जी
D) निराला जी
10. 'एक बूँद सहसा उछली' किसका यात्रावृत है?
A) विष्णुप्रभाकर
10. 'एक बूँद सहसा उछली' किसका यात्रावृत है?
A) विष्णुप्रभाकर
B) नगेन्द्र
C) अज्ञेय
D) यशपाल जैन
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-36
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1. इनमें उदय प्रकाश का काव्य-संग्रह कौन-सा है?
A) साथ चलते हुए
B) भूखण्ड तप रहा है
C) सुनो कारीगर
D) जलसा घर
2. लाला श्रीनिवासदास के परिक्षा गुरू को किसने हिन्दी का पहला मौलिक उपन्यास माना?
A) हजारीप्रसाद द्विवेदी
2. लाला श्रीनिवासदास के परिक्षा गुरू को किसने हिन्दी का पहला मौलिक उपन्यास माना?
A) हजारीप्रसाद द्विवेदी
B) श्यामसुन्दर दास
C) नगेन्द्र
D) रामचंद्र शुक्ल
3. हरिऔध जी का 'अधखिला फूल' किस विधा की रचना है?
A) नाटक
B) उपन्यास
C) कहानी
D) काव्य
4. देवकीनन्दन खत्री के लोकप्रिय उपन्यास 'चन्द्रकान्ता' का प्रकाशन कब हुआ?
A) 1891
4. देवकीनन्दन खत्री के लोकप्रिय उपन्यास 'चन्द्रकान्ता' का प्रकाशन कब हुआ?
A) 1891
B) 1892
C) 1893
D) 1894
5. बच्चन सिंह के मत में आधुनिक हिन्दी का पहला आलोचक कौन है?
A) हजारी प्रसाद द्विवेदी
5. बच्चन सिंह के मत में आधुनिक हिन्दी का पहला आलोचक कौन है?
A) हजारी प्रसाद द्विवेदी
B) बालकृष्ण भट्ट
C) महावीरप्रसाद द्विवेदी
D) रामचन्दशुक्ल
6. खडीबोली के आदि कवि कौन है?
A) प्रेमघन
6. खडीबोली के आदि कवि कौन है?
A) प्रेमघन
B) भारतेन्दु
C) अमीर खुसरो
D) सरहपा
7. रायबरेली के दौलतपुर गाँव में किस महान हिन्दी साहित्यकार का जन्म हुआ?
A) महावीरप्रसाद द्विवेदी
7. रायबरेली के दौलतपुर गाँव में किस महान हिन्दी साहित्यकार का जन्म हुआ?
A) महावीरप्रसाद द्विवेदी
B) हजारीप्रसाद द्विवेदी
C) नगेन्द्र
D) रामचंद्रशुक्ल
8. 'सहने केलिए बनी है, सह तू दुखिया नारी' – मैथिलीशरण गुप्त की यह पंक्ति किस काव्य की है?
A) यशोधरा
8. 'सहने केलिए बनी है, सह तू दुखिया नारी' – मैथिलीशरण गुप्त की यह पंक्ति किस काव्य की है?
A) यशोधरा
B) साकेत
C) भारत-भारती
D) विष्णुप्रिया
9. प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार जो प्रसार भारती की अध्यक्षा बनी है?
A) चित्रा मुद्गल
9. प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार जो प्रसार भारती की अध्यक्षा बनी है?
A) चित्रा मुद्गल
B) मृणाल पाण्डे
C) कृष्ण सोबती
D) ममता कालिया
10. शुक्ल जी के मत में हिन्दी की पहली कहानी कौन-सी है?
A) इंदुमति
10. शुक्ल जी के मत में हिन्दी की पहली कहानी कौन-सी है?
A) इंदुमति
B) ग्राम
C) उसने कहा था
D) सौत
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-35
UGC-NET&SET-MODEL PAPER-35
1. सूर की प्रतिभा का उत्कर्ष सूरसागर के किस स्कंध में दिखाई पडता है?
A) ग्यारहवें
B) आठवें
C) दसवें
D) नवें
2. भाव वाच्य _____________ से बनता है?
A) सकर्मक क्रिया
2. भाव वाच्य _____________ से बनता है?
A) सकर्मक क्रिया
B) अकर्मक क्रिया
C) प्रेरणार्थक क्रिया
D) सहायक क्रिया
3. 'सतम' शब्द किस भाषा का है?
A) ईरान
3. 'सतम' शब्द किस भाषा का है?
A) ईरान
B) संस्कृत
C) अवेस्ता
D) लैटिन
4. 'चंदबरदाई को छंदों का राजा' किसने कहा?
A) नगेंद्र
4. 'चंदबरदाई को छंदों का राजा' किसने कहा?
A) नगेंद्र
B) रामचंद्रशुक्ल
C) रामकुमार वर्मा
D) डॉ. नामवर सिंह
5. संविधान के किस अनुच्छेद में 15 वर्षों तक अंग्रेजी को सरकारी कामकाज में प्रयोग करने की व्यवस्था हुई?
A) 348
5. संविधान के किस अनुच्छेद में 15 वर्षों तक अंग्रेजी को सरकारी कामकाज में प्रयोग करने की व्यवस्था हुई?
A) 348
B) 349
C) 350
D) 351
6. रोला छंद के प्रत्येक चरण में कितनी मात्रायें होती है?
A) 24
6. रोला छंद के प्रत्येक चरण में कितनी मात्रायें होती है?
A) 24
B) 22
C) 26
D) 28
7. 'बिहारी के दोहों को हाथी दाँत पर कढे बेल बूटे' किसने कहा?
A) बच्चन सिंह
7. 'बिहारी के दोहों को हाथी दाँत पर कढे बेल बूटे' किसने कहा?
A) बच्चन सिंह
B) रामचंद्रशुक्ल
C) नगेंद्र
D) हजारी प्रसाद द्विवेदी
8. 'औदात्य सिद्धातं' के प्रतिष्ठापक कौन है?
A) क्रोचे
8. 'औदात्य सिद्धातं' के प्रतिष्ठापक कौन है?
A) क्रोचे
B) लाँजाइनस
C) कॉलरिज
D) अरस्तु
9. सरस्वती पत्रिका के प्रकाशक कौन थे?
A) हजारीप्रसाद द्विवेदी
9. सरस्वती पत्रिका के प्रकाशक कौन थे?
A) हजारीप्रसाद द्विवेदी
B) महावीरप्रसाद द्विवेदी
C) श्यामसुन्दर दास
D) चिंतामणि घोष
10. 'एक सही कविता पहले एक सार्थक वक्तव्य होती है' – यह घोषणा किसकी है?
A) धूमिल
10. 'एक सही कविता पहले एक सार्थक वक्तव्य होती है' – यह घोषणा किसकी है?
A) धूमिल
B) नगोरख पाण्डेय
C) लीलाधर जगूडी
D) कात्यायनी
कामायनी (चिंता सर्ग) - जयशंकर प्रसाद
कामायनी
(चिंता सर्ग)
- जयशंकर प्रसाद
हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर,
बैठ शिला की शीतल छाँह
एक पुरुष, भीगे नयनों से
देख रहा था प्रलय प्रवाह
नीचे जल था ऊपर हिम था,
एक तरल था एक सघन,
एक तत्व की ही प्रधानता
कहो उसे जड़ या चेतन
दूर दूर तक विस्तृत था हिम
स्तब्ध उसी के हृदय समान,
नीरवता-सी शिला-चरण से
टकराता फिरता पवमान
तरूण तपस्वी-सा वह बैठा
साधन करता सुर-श्मशान,
नीचे प्रलय सिंधु लहरों का
होता था सकरूण अवसान।
उसी तपस्वी-से लंबे थे
देवदारू दो चार खड़े,
हुए हिम-धवल, जैसे पत्थर
बनकर ठिठुरे रहे अड़े।
अवयव की दृढ मांस-पेशियाँ,
ऊर्जस्वित था वीर्य्य अपार,
स्फीत शिरायें, स्वस्थ रक्त का
होता था जिनमें संचार।
चिंता-कातर वदन हो रहा
पौरूष जिसमें ओत-प्रोत,
उधर उपेक्षामय यौवन का
बहता भीतर मधुमय स्रोत।
बँधी महावट से नौका थी
सूखे में अब पड़ी रही,
उतर चला था वह जल-प्लावन,
और निकलने लगी मही।
निकल रही थी मर्म वेदना
करूणा विकल कहानी सी,
वहाँ अकेली प्रकृति सुन रही,
हँसती-सी पहचानी-सी।
"ओ चिंता की पहली रेखा,
अरी विश्व-वन की व्याली,
ज्वालामुखी स्फोट के भीषण
प्रथम कंप-सी मतवाली।
हे अभाव की चपल बालिके,
री ललाट की खलखेला
हरी-भरी-सी दौड़-धूप,
ओ जल-माया की चल-रेखा।
इस ग्रहकक्षा की हलचल-
री तरल गरल की लघु-लहरी,
जरा अमर-जीवन की,
और न कुछ सुनने वाली, बहरी।
अरी व्याधि की सूत्र-धारिणी-
अरी आधि, मधुमय अभिशाप
हृदय-गगन में धूमकेतु-सी,
पुण्य-सृष्टि में सुंदर पाप।
मनन करावेगी तू कितना?
उस निश्चित जाति का जीव
अमर मरेगा क्या?
तू कितनी गहरी डाल रही है नींव।
आह घिरेगी हृदय-लहलहे
खेतों पर करका-घन-सी,
छिपी रहेगी अंतरतम में
सब के तू निगूढ धन-सी।
बुद्धि, मनीषा, मति, आशा,
चिंता तेरे हैं कितने नाम
अरी पाप है तू, जा, चल जा
यहाँ नहीं कुछ तेरा काम।
विस्मृति आ, अवसाद घेर ले,
नीरवते बस चुप कर दे,
चेतनता चल जा, जड़ता से
आज शून्य मेरा भर दे।"
"चिंता करता हूँ मैं जितनी
उस अतीत की, उस सुख की,
उतनी ही अनंत में बनती जाती
रेखायें दुख की।
आह सर्ग के अग्रदूत
तुम असफल हुए, विलीन हुए,
भक्षक या रक्षक जो समझो,
केवल अपने मीन हुए।
अरी आँधियों ओ बिजली की
दिवा-रात्रि तेरा नतर्न,
उसी वासना की उपासना,
वह तेरा प्रत्यावत्तर्न।
मणि-दीपों के अंधकारमय
अरे निराशा पूर्ण भविष्य
देव-दंभ के महामेध में
सब कुछ ही बन गया हविष्य।
अरे अमरता के चमकीले पुतलो
तेरे ये जयनाद
काँप रहे हैं आज प्रतिध्वनि
बन कर मानो दीन विषाद।
प्रकृति रही दुर्जेय, पराजित
हम सब थे भूले मद में,
भोले थे, हाँ तिरते केवल सब
विलासिता के नद में।
वे सब डूबे, डूबा उनका विभव,
बन गया पारावार
उमड़ रहा था देव-सुखों पर
दुख-जलधि का नाद अपार।"
"वह उन्मुक्त विलास हुआ क्या
स्वप्न रहा या छलना थी
देवसृष्टि की सुख-विभावरी
ताराओं की कलना थी।
चलते थे सुरभित अंचल से
जीवन के मधुमय निश्वास,
कोलाहल में मुखरित होता
देव जाति का सुख-विश्वास।
सुख, केवल सुख का वह संग्रह,
केंद्रीभूत हुआ इतना,
छायापथ में नव तुषार का
सघन मिलन होता जितना।
सब कुछ थे स्वायत्त,विश्व के-बल,
वैभव, आनंद अपार,
उद्वेलित लहरों-सा होता
उस समृद्धि का सुख संचार।
कीर्ति, दीप्ती, शोभा थी नचती
अरूण-किरण-सी चारों ओर,
सप्तसिंधु के तरल कणों में,
द्रुम-दल में, आनन्द-विभोर।
शक्ति रही हाँ शक्ति-प्रकृति थी
पद-तल में विनम्र विश्रांत,
कँपती धरणी उन चरणों से होकर
प्रतिदिन ही आक्रांत।
स्वयं देव थे हम सब,
तो फिर क्यों न विश्रृंखल होती सृष्टि?
अरे अचानक हुई इसी से
कड़ी आपदाओं की वृष्टि।
गया, सभी कुछ गया,मधुर तम
सुर-बालाओं का श्रृंगार,
ऊषा ज्योत्स्ना-सा यौवन-स्मित
मधुप-सदृश निश्चित विहार।
भरी वासना-सरिता का वह
कैसा था मदमत्त प्रवाह,
प्रलय-जलधि में संगम जिसका
देख हृदय था उठा कराह।"
"चिर-किशोर-वय, नित्य विलासी
सुरभित जिससे रहा दिगंत,
आज तिरोहित हुआ कहाँ वह
मधु से पूर्ण अनंत वसंत?
कुसुमित कुंजों में वे पुलकित
प्रेमालिंगन हुए विलीन,
मौन हुई हैं मूर्छित तानें
और न सुन पडती अब बीन।
अब न कपोलों पर छाया-सी
पडती मुख की सुरभित भाप
भुज-मूलों में शिथिल वसन की
व्यस्त न होती है अब माप।
कंकण क्वणित, रणित नूपुर थे,
हिलते थे छाती पर हार,
मुखरित था कलरव,गीतों में
स्वर लय का होता अभिसार।
सौरभ से दिगंत पूरित था,
अंतरिक्ष आलोक-अधीर,
सब में एक अचेतन गति थी,
जिसमें पिछड़ा रहे समीर।
वह अनंग-पीड़ा-अनुभव-सा
अंग-भंगियों का नत्तर्न,
मधुकर के मरंद-उत्सव-सा
मदिर भाव से आवत्तर्न।
बादल को घिरते देखा है – बाबा नागार्जुन
बादल को घिरते देखा है – बाबा नागार्जुन
अमल धवल गिरि के शिखरों पर,
बादल को घिरते देखा है।
छोटे-छोटे मोती जैसे
उसके शीतल तुहिन कणों को,
मानसरोवर के उन स्वर्णिम
कमलों पर गिरते देखा है,
बादल को घिरते देखा है।
तुंग हिमालय के कंधों पर
छोटी बड़ी कई झीलें हैं,
उनके श्यामल नील सलिल में
समतल देशों ले आ-आकर
पावस की उमस से आकुल
तिक्त-मधुर बिसतंतु खोजते
हंसों को तिरते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
ऋतु वसंत का सुप्रभात था
मंद-मंद था अनिल बह रहा
बालारुण की मृदु किरणें थीं
अगल-बगल स्वर्णाभ शिखर थे
एक-दूसरे से विरहित हो
अलग-अलग रहकर ही जिनको
सारी रात बितानी होती,
निशा-काल से चिर-अभिशापित
बेबस उस चकवा-चकई का
बंद हुआ क्रंदन, फिर उनमें
उस महान् सरवर के तीरे
शैवालों की हरी दरी पर
प्रणय-कलह छिड़ते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
दुर्गम बर्फानी घाटी में
शत-सहस्र फुट ऊँचाई पर
अलख नाभि से उठने वाले
निज के ही उन्मादक परिमल-
के पीछे धावित हो-होकर
तरल-तरुण कस्तूरी मृग को
अपने पर चिढ़ते देखा है,
बादल को घिरते देखा है।
कहाँ गय धनपति कुबेर वह
कहाँ गई उसकी वह अलका
नहीं ठिकाना कालिदास के
व्योम-प्रवाही गंगाजल का,
ढूँढ़ा बहुत किन्तु लगा क्या
मेघदूत का पता कहीं पर,
कौन बताए वह छायामय
बरस पड़ा होगा न यहीं पर,
जाने दो वह कवि-कल्पित था,
मैंने तो भीषण जाड़ों में
नभ-चुंबी कैलाश शीर्ष पर,
महामेघ को झंझानिल से
गरज-गरज भिड़ते देखा है,
बादल को घिरते देखा है।
शत-शत निर्झर-निर्झरणी कल
मुखरित देवदारु कनन में,
शोणित धवल भोज पत्रों से
छाई हुई कुटी के भीतर,
रंग-बिरंगे और सुगंधित
फूलों की कुंतल को साजे,
इंद्रनील की माला डाले
शंख-सरीखे सुघड़ गलों में,
कानों में कुवलय लटकाए,
शतदल लाल कमल वेणी में,
रजत-रचित मणि खचित कलामय
पान पात्र द्राक्षासव पूरित
रखे सामने अपने-अपने
लोहित चंदन की त्रिपटी पर,
नरम निदाग बाल कस्तूरी
मृगछालों पर पलथी मारे
मदिरारुण आखों वाले उन
उन्मद किन्नर-किन्नरियों की
मृदुल मनोरम अँगुलियों को
वंशी पर फिरते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
बीती विभावरी जाग री! - जयशंकर प्रसाद
बीती विभावरी जाग री! - जयशंकर प्रसाद
बीती विभावरी जाग री!
अम्बर पनघट में डुबो रही
तारा घट ऊषा नागरी।
खग कुल-कुल सा बोल रहा,
किसलय का अंचल डोल रहा,
लो यह लतिका भी भर लाई
मधु मुकुल नवल रस गागरी।
अधरों में राग अमंद पिये,
अलकों में मलयज बंद किये
तू अब तक सोई है आली
आँखों में भरे विहाग री।
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