शनिवार, 9 जुलाई 2016

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-84

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-84

1. निम्नलिखित कृतियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए।
1) अखरावट                  क) नन्ददास
2) कवितावली               ख) अब्दुर्रहमान
3) रसमंजरी                  ग) कुतुबन
4) संदेशरासक               घ) तुलसीदास
                                     ङ) जायसी

2. निम्नलिखित रासो काव्यों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए।
1) खुमान रासो                  क) जल्हण
2) बीसलदेव रासो              ख) चंदबरदाई
3) परमाल रासो                 ग) दलपति विजय
4) पृथ्वीराज रासो              घ) जगनिक
                                         ङ) नरपति नाल्ह

3. निम्नलिखित काव्य कृतियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए।
1) पउम चरिउ                               क) गोरखनाथ
2) महापुराण                                 ख) हेमचन्द्र
3) भविसयत्त कथा                       ग) पुष्पदंत
4) शब्दानुशासन                            घ) स्वयंभू
                                                     ङ) धनपाल

4. निम्नलिखित पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए।

1) नारी की झाई परत अंधा होत भुजंग              क) मीराबाई
2) आवत ही हरषे नहीं नैनन नहीं सनेह             ख) सूरदास
3) देखो माई सुंदरता को सागर                          ग) तुलसीदास
4) मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरों न कोई             घ) कबीरदास
                                                                       ङ) रैदास

5. निम्नलिखित आचार्यों को उनके संप्रदायों के साथ सुमेलित कीजिए।
1) श्रीसंप्रदाय                            क) चैतन्य महाप्रभु
2) रूद्र संप्रदाय                          ख) विष्णुस्वामी
3) पुष्टिमार्ग                              ग) रामानुजाचार्य
4) गौडीय संप्रदास                      घ) वल्लभाचार्य
                                                 ङ) रामानन्द

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-83

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-83


1. निम्नलिखित नाटकों को उनके लेखकों के साथ सुमेलित कीजिए।
1) हानूश                         क) मुद्राराक्षस
2) दशरथ नंदन               ख) भीष्म साहनी
3) पैर तले की जमीन       ग) जगदीशचंद्र माथुर
4) तिलचट्ट                      घ) सुरेन्द्र वर्मा
                                       ङ) मोहन राकेश

2. निम्नलिखित सम्प्रदायों को उनके अनुयायियों के साथ सुमेलित कीजिए।
1) वल्लभ सम्प्रदाय                क) हरिव्यास देव
2) निम्बार्क सम्प्रदाय              ख) दामोदर दास
3) राधावल्लभ सम्प्रदाय          ग) गदाधर भट्ट
4) चैतन्य सम्प्रदाय                 घ) जगन्नाथ गोस्वामी
                                               ङ) गोविन्द स्वामी

3. निम्नलिखित रचनाकारों को उनकी विधाओं के साथ सुमेलित कीजिए।
1) प्रेत की छाया                क) नाटक
2) कर्बला                         ख) निबंध
3) छितवन की छाँह          ग) आत्मकथा
4) अन्या से अनन्या         घ) उपन्यास
                                       ङ) एकांकी

4. निम्नलिखित संस्थाओं को उनके संस्थापकों के साथ सुमेलित कीजिए।
1) ब्रह्म समाज                  क) एनी बेसेंट
2) प्रार्थना समाज                ख) विवेकानन्द
3) आर्य समाज                    ग) दयानंद सरस्वती
4) रामकृष्ण मिशन              घ) राजा राममोहन राय
                                            ङ) केशवचंद्र सेन
5. निम्नलिखित पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए।
1) जो बीत गयी सो बात गयी                    क) मुक्तिबोध
2) मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में            ख) दिनकर
3) दो पाटों के बीच पिस गया                      ग) बच्चन
4) रूप की आराधना का मार्ग आलिंगन नहीं तो और क्या है      घ) अज्ञेय
                                                                 ङ) नरेन्द्र शर्मा

मंगलवार, 5 जुलाई 2016

जो बीत गई सो बात गई - हरिवंशराय बच्चन

                   जो बीत गई सो बात गई - हरिवंशराय बच्चन

जो बीत गई सो बात गई


जीवन में एक सितारा था

माना वह बेहद प्यारा था

वह डूब गया तो डूब गया

अम्बर के आनन को देखो

कितने इसके तारे टूटे

कितने इसके प्यारे छूटे

जो छूट गए फिर कहाँ मिले

पर बोलो टूटे तारों पर

कब अम्बर शोक मनाता है

जो बीत गई सो बात गई



जीवन में वह था एक कुसुम

थे उसपर नित्य निछावर तुम

वह सूख गया तो सूख गया

मधुवन की छाती को देखो

सूखी कितनी इसकी कलियाँ

मुर्झाई कितनी वल्लरियाँ

जो मुर्झाई फिर कहाँ खिली

पर बोलो सूखे फूलों पर

कब मधुवन शोर मचाता है

जो बीत गई सो बात गई



जीवन में मधु का प्याला था

तुमने तन मन दे डाला था

वह टूट गया तो टूट गया

मदिरालय का आँगन देखो

कितने प्याले हिल जाते हैं

गिर मिट्टी में मिल जाते हैं

जो गिरते हैं कब उठतें हैं

पर बोलो टूटे प्यालों पर

कब मदिरालय पछताता है

जो बीत गई सो बात गई



मृदु मिटटी के हैं बने हुए

मधु घट फूटा ही करते हैं

लघु जीवन लेकर आए हैं

प्याले टूटा ही करते हैं

फिर भी मदिरालय के अन्दर

मधु के घट हैं मधु प्याले हैं

जो मादकता के मारे हैं

वे मधु लूटा ही करते हैं

वह कच्चा पीने वाला है

जिसकी ममता घट प्यालों पर

जो सच्चे मधु से जला हुआ

कब रोता है चिल्लाता है

जो बीत गई सो बात गई