शनिवार, 25 दिसंबर 2021

शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर, प्रीति, मदपान। | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

रहीम के दोहे


खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर, प्रीति, मदपान।

रहिमन दाबै ना दबै, जानत सकल जहान॥

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रहिमन निज मन की विथा, मन ही राखो गोय | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

रहीम के दोहे

रहिमन निज मन की विथा, मन ही राखो गोय।

सुनी इठलै हैं लोग सब, बाटी न लें हैं कोय॥


रहिमन विद्या, बुद्धि नहिं, नहीं धरम जस दान | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

रहीम के दोहे


रहिमन विद्या, बुद्धि नहिं, नहीं धरम जस दान।

भू पर जनम वृथा धरै, पशु बिन पूँछ विषान॥

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