गुरुवार, 30 दिसंबर 2021

नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india

कबीर के दोहे

नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए।

मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए।।

*****

जहाँ दया तहाँ धर्म है, जहाँ लोभ वहाँ पाप | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india

कबीर के दोहे


जहाँ दया तहाँ धर्म है, जहाँ लोभ वहाँ पाप।

जहाँ क्रोध तहाँ काल है, जहाँ क्षमा वहाँ आप।

*****


तीरथ गए से एक फल, संत मिले फल चार | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india

कबीर के दोहे


तीरथ गए से एक फल, संत मिले फल चार।

सतगुरु मिले अनेक फल, कहे कबीर विचार।।

करत-करत अभ्यास ते, जड़मति होत सुजान | वृन्द के दोहे | VRUND KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

वृन्द के दोहे


करत-करत अभ्यास ते, जड़मति होत सुजान।

रसरी आवत जात तें, सिल पर परत निसान।।

करै बुराई सुख चहै, कैसे पावै कोइ | वृन्द के दोहे | VRUND KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

वृन्द के दोहे


करै बुराई सुख चहै, कैसे पावै कोइ।

रोपै बिरवा आक को, आम कहाँ तें होइ।।

उत्तम जन के संग में, सहजे ही सुखभासि | वृन्द के दोहे | VRUND KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

वृन्द के दोहे


उत्तम जन के संग में, सहजे ही सुखभासि।

जैसे नृप लावै इतर, लेत सभा जनवासि।।

मंगलवार, 28 दिसंबर 2021

अमर वाणी | APSSC | CLASS 9 | CHAPTER 10 | SCERT | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE | नीति दोहे

अमर वाणी - कबीर के दोहे

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।

जो सुख में सुमिरन करे, दुःख काहे को होय।।


धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।

माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आये फल होय ||


साई इतना दीजिए, जामे कुटुंब समाय।

मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाय।

बाल-बगीचा | भाग-3 | नीति दोहे - रहीम | APSSC | CLASS 8 | CHAPTER 10 | SCERT | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE

नीति दोहे - रहीम


बिगरी बात बनै नहिं, लाख करो किन कोय।

रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।


बड़े बड़ाई न करें, बड़ो न बोलैं बोल।

रहीमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरो मोल।।

सुगंध | भाग-2 | नीति दोहे - बिहारी | APSSC | CLASS 10 | CHAPTER 10 | SCERT | बिहारी के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

नीति दोहे - बिहारी

कनक-कनक तैं सौ गुनी, मादकता अधिकाइ।

उहि खाए बौराइ जग, इहिं पाए बौराइ।।

नर की अरु नल नीर की, गति एके कर जोई।

जेतौ नीचौ हवै चलै, तेतौ ऊँचौ होइ।।

नर की अरु नल नीर की, गति एके कर जोई | बिहारी के दोहे | BIHARI | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


नर की अरु नल नीर की, गति एके कर जोई।

जेतौ नीचौ हवै चलै, तेतौ ऊँचौ होइ।।