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गुरुवार, 30 दिसंबर 2021
धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india
रहीम के दोहे
धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय।
उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय।।
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एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india
रहीम के दोहे
एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।
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ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india
कबीर के दोहे
ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय।
औरन को सीतल करे, आपहु सीतल होय।।
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बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोया | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india
कबीर के दोहे
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोया।
जो दिल खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय।।
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काल करे सो आज कर, आज करे सो अब | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india
कबीर के दोहे
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में, परलै होयगो, बहुरी करैगो कब ।।
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कबीर लहरि समंदर की, मोती बिखरे आई | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india
कबीर के दोहे
कबीर लहरि समंदर की, मोती बिखरे आई।
बगुला भेद न जानई, हँसा चुनी-चुनी खाई॥
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नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india
कबीर के दोहे
नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए।
मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए।।
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जहाँ दया तहाँ धर्म है, जहाँ लोभ वहाँ पाप | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india
कबीर के दोहे
जहाँ दया तहाँ धर्म है, जहाँ लोभ वहाँ पाप।
जहाँ क्रोध तहाँ काल है, जहाँ क्षमा वहाँ आप।
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तीरथ गए से एक फल, संत मिले फल चार | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE |#shorts | #hindi | #india
कबीर के दोहे
तीरथ गए से एक फल, संत मिले फल चार।
सतगुरु मिले अनेक फल, कहे कबीर विचार।।
करत-करत अभ्यास ते, जड़मति होत सुजान | वृन्द के दोहे | VRUND KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
वृन्द के दोहे
करत-करत अभ्यास ते, जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात तें, सिल पर परत निसान।।
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