शनिवार, 25 दिसंबर 2021

लहर | बाल-बगीचा | भाग-1 | नीति दोहे | HINDI | CLASS 6 | CHAPTER 4 | SCERT | ANDHRA PRADESH | TELANGANA

लहर | बाल-बगीचा | भाग-1 | नीति दोहे | HINDI | CLASS 6 | CHAPTER 4 | SCERT | ANDHRA PRADESH | TELANGANA

कबीरदास

साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय।

सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय॥

तुलसीदास

तुलसी मीठे वचन ते, सुख उपजत चहुँ ओर।

वसीकरन एक मंत्र है पर वचन कटीर

सतसैया कै दोहरे अरु नावकु कै तीरु | बिहारी के दोहे| BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


सतसैया कै दोहरे अरु नावकु कै तीरु।

देखत तौ छोटैं लगैं घाव करैं गंभीरु॥

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बढ़त-बढ़त सम्पति-सलिलु मन-सरोज बढ़ि जाइ | बिहारी के दोहे| BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


बढ़त-बढ़त सम्पति-सलिलु मन-सरोज बढ़ि जाइ।

घटत-घटत सु न फिरि घटै बरु समूल कुम्हिलाइ॥

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समै-समै सुंदर सबै, रूप कुरूप न कोय | बिहारी के दोहे | BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


समै-समै सुंदर सबै, रूप कुरूप न कोय।

रुचि जेती जितै, तित तेती रुचि होय॥

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समै पलटि पलटै प्रकृति को न तजै निज चाल | बिहारी के दोहे| BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


समै पलटि पलटै प्रकृति को न तजै निज चाल।

भौ अकरुन करुना करौ इहिं कुपूत कलिकाल॥

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अति अगाधु, अति औथरौ नदी, कूप, सरु, बाइ | बिहारी के दोहे| BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


अति अगाधु, अति औथरौ नदी, कूप, सरु, बाइ।

सो ताकौ सागरू जहाँ, जाकी प्यास बुझाइ॥

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मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोय | बिहारी के दोहे| BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोय।

जा तन की झाई परै, स्यामु हरित-दुति होय।।

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दीरघ साँस न लेहु दुःख, सु साईहिं न भूल | बिहारी के दोहे | BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


दीरघ साँस न लेहु दुःख, सु साईहिं न भूल।

दई दई क्यों करतु है, दई दई सु कबूलि।।

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बसै बुराई जासु तन, ताही कौ सनमानु | बिहारी के दोहे | BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india

बिहारी के दोहे


बसै बुराई जासु तन, ताही कौ सनमानु।

भलौ भलौ कहि छोड़ियै, खोटै ग्रह जपु दानु।।

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शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021