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शनिवार, 25 दिसंबर 2021
समै पलटि पलटै प्रकृति को न तजै निज चाल | बिहारी के दोहे| BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
बिहारी के दोहे
समै पलटि पलटै प्रकृति को न तजै निज चाल।
भौ अकरुन करुना करौ इहिं कुपूत कलिकाल॥
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अति अगाधु, अति औथरौ नदी, कूप, सरु, बाइ | बिहारी के दोहे| BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
बिहारी के दोहे
अति अगाधु, अति औथरौ नदी, कूप, सरु, बाइ।
सो ताकौ सागरू जहाँ, जाकी प्यास बुझाइ॥
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मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोय | बिहारी के दोहे| BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
बिहारी के दोहे
मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोय।
जा तन की झाई परै, स्यामु हरित-दुति होय।।
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दीरघ साँस न लेहु दुःख, सु साईहिं न भूल | बिहारी के दोहे | BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
बिहारी के दोहे
दीरघ साँस न लेहु दुःख, सु साईहिं न भूल।
दई दई क्यों करतु है, दई दई सु कबूलि।।
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बसै बुराई जासु तन, ताही कौ सनमानु | बिहारी के दोहे | BIHARI KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
बिहारी के दोहे
बसै बुराई जासु तन, ताही कौ सनमानु।
भलौ भलौ कहि छोड़ियै, खोटै ग्रह जपु दानु।।
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शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021
खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर, प्रीति, मदपान। | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
रहीम के दोहे
खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर, प्रीति, मदपान।
रहिमन दाबै ना दबै, जानत सकल जहान॥
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रहिमन निज मन की विथा, मन ही राखो गोय | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
रहीम के दोहे
रहिमन निज मन की विथा, मन ही राखो गोय।
सुनी इठलै हैं लोग सब, बाटी न लें हैं कोय॥
रहिमन विद्या, बुद्धि नहिं, नहीं धरम जस दान | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
रहीम के दोहे
रहिमन विद्या, बुद्धि नहिं, नहीं धरम जस दान।
भू पर जनम वृथा धरै, पशु बिन पूँछ विषान॥
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रहिमन विपदा ही भली, जो थोरे दिन होय | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
रहीम के दोहे
रहिमन विपदा ही भली, जो थोरे दिन होय।
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय॥
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टूटे सुजन मनाइए, जौ टूटे सौ बार | रहीम के दोहे | RAHIM KE DOHE | #shorts | #hindi | #india
रहीम के दोहे
टूटे सुजन मनाइए, जौ टूटे सौ बार।
रहिमन फिर फिर पोइए, टूटे मुक्ताहार॥
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