बुधवार, 1 जून 2016

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-35

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1. सूर की प्रतिभा का उत्कर्ष सूरसागर के किस स्कंध में दिखाई पडता है?
A) ग्यारहवें 
B) आठवें 
C) दसवें 
D) नवें

2. भाव वाच्य _____________ से बनता है?
A) सकर्मक क्रिया 
B) अकर्मक क्रिया 
C) प्रेरणार्थक क्रिया 
D) सहायक क्रिया

3. 'सतम' शब्द किस भाषा का है?
A) ईरान 
B) संस्कृत 
C) अवेस्ता 
D) लैटिन

4. 'चंदबरदाई को छंदों का राजा' किसने कहा?
A) नगेंद्र 
B) रामचंद्रशुक्ल 
C) रामकुमार वर्मा 
D) डॉ. नामवर सिंह

5. संविधान के किस अनुच्छेद में 15 वर्षों तक अंग्रेजी को सरकारी कामकाज में प्रयोग करने की व्यवस्था हुई?
A) 348 
B) 349 
C) 350 
D) 351

6. रोला छंद के प्रत्येक चरण में कितनी मात्रायें होती है?
A) 24 
B) 22 
C) 26 
D) 28

7. 'बिहारी के दोहों को हाथी दाँत पर कढे बेल बूटे' किसने कहा?
A) बच्चन सिंह 
B) रामचंद्रशुक्ल 
C) नगेंद्र 
D) हजारी प्रसाद द्विवेदी

8. 'औदात्य सिद्धातं' के प्रतिष्ठापक कौन है?
A) क्रोचे 
B) लाँजाइनस 
C) कॉलरिज 
D) अरस्तु

9. सरस्वती पत्रिका के प्रकाशक कौन थे?
A) हजारीप्रसाद द्विवेदी 
B) महावीरप्रसाद द्विवेदी 
C) श्यामसुन्दर दास 
D) चिंतामणि घोष

10. 'एक सही कविता पहले एक सार्थक वक्तव्य होती है' – यह घोषणा किसकी है?
A) धूमिल 
B) नगोरख पाण्डेय 
C) लीलाधर जगूडी 
D) कात्यायनी

कामायनी (चिंता सर्ग) - जयशंकर प्रसाद

कामायनी 
(चिंता सर्ग)
- जयशंकर प्रसाद

हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर,
बैठ शिला की शीतल छाँह
एक पुरुष, भीगे नयनों से
देख रहा था प्रलय प्रवाह

नीचे जल था ऊपर हिम था,
एक तरल था एक सघन,
एक तत्व की ही प्रधानता
कहो उसे जड़ या चेतन

दूर दूर तक विस्तृत था हिम
स्तब्ध उसी के हृदय समान,
नीरवता-सी शिला-चरण से
टकराता फिरता पवमान

तरूण तपस्वी-सा वह बैठा
साधन करता सुर-श्मशान,
नीचे प्रलय सिंधु लहरों का
होता था सकरूण अवसान।

उसी तपस्वी-से लंबे थे
देवदारू दो चार खड़े,
हुए हिम-धवल, जैसे पत्थर
बनकर ठिठुरे रहे अड़े।

अवयव की दृढ मांस-पेशियाँ,
ऊर्जस्वित था वीर्य्य अपार,
स्फीत शिरायें, स्वस्थ रक्त का
होता था जिनमें संचार।

चिंता-कातर वदन हो रहा
पौरूष जिसमें ओत-प्रोत,
उधर उपेक्षामय यौवन का
बहता भीतर मधुमय स्रोत।

बँधी महावट से नौका थी
सूखे में अब पड़ी रही,
उतर चला था वह जल-प्लावन,
और निकलने लगी मही।

निकल रही थी मर्म वेदना
करूणा विकल कहानी सी,
वहाँ अकेली प्रकृति सुन रही,
हँसती-सी पहचानी-सी।

"ओ चिंता की पहली रेखा,
अरी विश्व-वन की व्याली,
ज्वालामुखी स्फोट के भीषण
प्रथम कंप-सी मतवाली।

हे अभाव की चपल बालिके,
री ललाट की खलखेला
हरी-भरी-सी दौड़-धूप,
ओ जल-माया की चल-रेखा।

इस ग्रहकक्षा की हलचल-
री तरल गरल की लघु-लहरी,
जरा अमर-जीवन की,
और न कुछ सुनने वाली, बहरी।

अरी व्याधि की सूत्र-धारिणी-
अरी आधि, मधुमय अभिशाप
हृदय-गगन में धूमकेतु-सी,
पुण्य-सृष्टि में सुंदर पाप।

मनन करावेगी तू कितना?
उस निश्चित जाति का जीव
अमर मरेगा क्या?
तू कितनी गहरी डाल रही है नींव।

आह घिरेगी हृदय-लहलहे
खेतों पर करका-घन-सी,
छिपी रहेगी अंतरतम में
सब के तू निगूढ धन-सी।

बुद्धि, मनीषा, मति, आशा,
चिंता तेरे हैं कितने नाम
अरी पाप है तू, जा, चल जा
यहाँ नहीं कुछ तेरा काम।

विस्मृति आ, अवसाद घेर ले,
नीरवते बस चुप कर दे,
चेतनता चल जा, जड़ता से
आज शून्य मेरा भर दे।"

"चिंता करता हूँ मैं जितनी
उस अतीत की, उस सुख की,
उतनी ही अनंत में बनती जाती
रेखायें दुख की।

आह सर्ग के अग्रदूत
तुम असफल हुए, विलीन हुए,
भक्षक या रक्षक जो समझो,
केवल अपने मीन हुए।

अरी आँधियों ओ बिजली की
दिवा-रात्रि तेरा नतर्न,
उसी वासना की उपासना,
वह तेरा प्रत्यावत्तर्न।

मणि-दीपों के अंधकारमय
अरे निराशा पूर्ण भविष्य
देव-दंभ के महामेध में
सब कुछ ही बन गया हविष्य।

अरे अमरता के चमकीले पुतलो
तेरे ये जयनाद
काँप रहे हैं आज प्रतिध्वनि
बन कर मानो दीन विषाद।

प्रकृति रही दुर्जेय, पराजित
हम सब थे भूले मद में,
भोले थे, हाँ तिरते केवल सब
विलासिता के नद में।

वे सब डूबे, डूबा उनका विभव,
बन गया पारावार
उमड़ रहा था देव-सुखों पर
दुख-जलधि का नाद अपार।"

"वह उन्मुक्त विलास हुआ क्या
स्वप्न रहा या छलना थी
देवसृष्टि की सुख-विभावरी
ताराओं की कलना थी।

चलते थे सुरभित अंचल से
जीवन के मधुमय निश्वास,
कोलाहल में मुखरित होता
देव जाति का सुख-विश्वास।

सुख, केवल सुख का वह संग्रह,
केंद्रीभूत हुआ इतना,
छायापथ में नव तुषार का
सघन मिलन होता जितना।

सब कुछ थे स्वायत्त,विश्व के-बल,
वैभव, आनंद अपार,
उद्वेलित लहरों-सा होता
उस समृद्धि का सुख संचार।

कीर्ति, दीप्ती, शोभा थी नचती
अरूण-किरण-सी चारों ओर,
सप्तसिंधु के तरल कणों में,
द्रुम-दल में, आनन्द-विभोर।

शक्ति रही हाँ शक्ति-प्रकृति थी
पद-तल में विनम्र विश्रांत,
कँपती धरणी उन चरणों से होकर
प्रतिदिन ही आक्रांत।

स्वयं देव थे हम सब,
तो फिर क्यों न विश्रृंखल होती सृष्टि?
अरे अचानक हुई इसी से
कड़ी आपदाओं की वृष्टि।

गया, सभी कुछ गया,मधुर तम
सुर-बालाओं का श्रृंगार,
ऊषा ज्योत्स्ना-सा यौवन-स्मित
मधुप-सदृश निश्चित विहार।

भरी वासना-सरिता का वह
कैसा था मदमत्त प्रवाह,
प्रलय-जलधि में संगम जिसका
देख हृदय था उठा कराह।"

"चिर-किशोर-वय, नित्य विलासी
सुरभित जिससे रहा दिगंत,
आज तिरोहित हुआ कहाँ वह
मधु से पूर्ण अनंत वसंत?

कुसुमित कुंजों में वे पुलकित
प्रेमालिंगन हुए विलीन,
मौन हुई हैं मूर्छित तानें
और न सुन पडती अब बीन।

अब न कपोलों पर छाया-सी
पडती मुख की सुरभित भाप
भुज-मूलों में शिथिल वसन की
व्यस्त न होती है अब माप।

कंकण क्वणित, रणित नूपुर थे,
हिलते थे छाती पर हार,
मुखरित था कलरव,गीतों में
स्वर लय का होता अभिसार।

सौरभ से दिगंत पूरित था,
अंतरिक्ष आलोक-अधीर,
सब में एक अचेतन गति थी,
जिसमें पिछड़ा रहे समीर।

वह अनंग-पीड़ा-अनुभव-सा
अंग-भंगियों का नत्तर्न,
मधुकर के मरंद-उत्सव-सा
मदिर भाव से आवत्तर्न।

बादल को घिरते देखा है – बाबा नागार्जुन

बादल को घिरते देखा है – बाबा नागार्जुन

अमल धवल गिरि के शिखरों पर,
बादल को घिरते देखा है।

छोटे-छोटे मोती जैसे
उसके शीतल तुहिन कणों को,
मानसरोवर के उन स्वर्णिम
कमलों पर गिरते देखा है,
बादल को घिरते देखा है।

तुंग हिमालय के कंधों पर
छोटी बड़ी कई झीलें हैं,
उनके श्यामल नील सलिल में
समतल देशों ले आ-आकर
पावस की उमस से आकुल
तिक्त-मधुर बिसतंतु खोजते
हंसों को तिरते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।

ऋतु वसंत का सुप्रभात था
मंद-मंद था अनिल बह रहा
बालारुण की मृदु किरणें थीं
अगल-बगल स्वर्णाभ शिखर थे
एक-दूसरे से विरहित हो
अलग-अलग रहकर ही जिनको
सारी रात बितानी होती,
निशा-काल से चिर-अभिशापित
बेबस उस चकवा-चकई का
बंद हुआ क्रंदन, फिर उनमें
उस महान् सरवर के तीरे
शैवालों की हरी दरी पर
प्रणय-कलह छिड़ते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।

दुर्गम बर्फानी घाटी में
शत-सहस्र फुट ऊँचाई पर
अलख नाभि से उठने वाले
निज के ही उन्मादक परिमल-
के पीछे धावित हो-होकर
तरल-तरुण कस्तूरी मृग को
अपने पर चिढ़ते देखा है,
बादल को घिरते देखा है।
कहाँ गय धनपति कुबेर वह
कहाँ गई उसकी वह अलका
नहीं ठिकाना कालिदास के
व्योम-प्रवाही गंगाजल का,
ढूँढ़ा बहुत किन्तु लगा क्या
मेघदूत का पता कहीं पर,
कौन बताए वह छायामय
बरस पड़ा होगा न यहीं पर,
जाने दो वह कवि-कल्पित था,
मैंने तो भीषण जाड़ों में
नभ-चुंबी कैलाश शीर्ष पर,
महामेघ को झंझानिल से
गरज-गरज भिड़ते देखा है,
बादल को घिरते देखा है।

शत-शत निर्झर-निर्झरणी कल
मुखरित देवदारु कनन में,
शोणित धवल भोज पत्रों से
छाई हुई कुटी के भीतर,
रंग-बिरंगे और सुगंधित
फूलों की कुंतल को साजे,
इंद्रनील की माला डाले
शंख-सरीखे सुघड़ गलों में,
कानों में कुवलय लटकाए,
शतदल लाल कमल वेणी में,
रजत-रचित मणि खचित कलामय
पान पात्र द्राक्षासव पूरित
रखे सामने अपने-अपने
लोहित चंदन की त्रिपटी पर,
नरम निदाग बाल कस्तूरी
मृगछालों पर पलथी मारे
मदिरारुण आखों वाले उन
उन्मद किन्नर-किन्नरियों की
मृदुल मनोरम अँगुलियों को
वंशी पर फिरते देखा है।

बादल को घिरते देखा है।

बीती विभावरी जाग री! - जयशंकर प्रसाद

बीती विभावरी जाग री! - जयशंकर प्रसाद


बीती विभावरी जाग री!

अम्बर पनघट में डुबो रही

तारा घट ऊषा नागरी।

खग कुल-कुल सा बोल रहा,

किसलय का अंचल डोल रहा,

लो यह लतिका भी भर लाई

मधु मुकुल नवल रस गागरी।

अधरों में राग अमंद पिये,

अलकों में मलयज बंद किये

तू अब तक सोई है आली

आँखों में भरे विहाग री।

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1. सन् 1913 किस कवि का जन्मशती-वर्ष है?
A) शमशेर बहादुर सिंह 

B) भवानीप्रसाद मिश्र 
C) केदारनाथ अग्रवाल 
D) नरेंद्रशर्मा

2. प्रयोगवादी काव्यधारा में कौन कवि नहीं है?
A) कुँवरनारायण 
B) भारत भूषण अग्रवाल 
C) शमशेर बहादुर सिंह 
D) नागार्जुन

3. मुक्तिबोध की कौन सी रचना फैंटेसी से प्रभावित नहीं है?
A) चाँद का मुँह टेढ है 
B) ब्रह्मराक्षस 
C) भूल-गलती 
D) अँधेरे में

4. समकालीन कविता का प्रारंभ निराला की कविताओं से माननेवाले आलोचक?
A) डॉ.परमानंद श्रीवास्तव 
B) रामचंद्रशुक्ल 
C) हजारी प्रसाद द्विवेदी 
D) रामविलासशर्मा

5. 'फटा हुआ जूता' किसकी कहानी है?
A) कमलेश्वर 
B) राजेंद्र यादव 
C) मोहनराकेश 
D) मन्नुभण्डारी

6. 'संग्रथन' किस संस्था से प्रकाशित पत्रिका है?
A) केरल हिन्दी प्रचार सभा 
B) दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा
C) हिन्दी विद्यापीठ 
D) केरल हिन्दी साहित्य अकादमी

7. इनमें कौन केंतुम वर्ग की शाखा नहीं है?
A) जर्मनिक 
B) लैटिन 
C) ग्रीक 
D) फारसी

8. 'हमारी भावात्मक संतुष्टि का नाम ही सौन्दर्य है।'  किसका कथन है?
A) क्रोचे 
B) प्लेटो 
C) ऐ.ए.रिचर्डस 
D) लाँजाइनस

9. इनमें महोबा नरेश परमाल के दरबारी कवि कौन थे?
A) भट्टकेदार 
B) मधुकर कवि 
C) अमीर खुसरो 
D) जगनिक

10. गोपालराम गहमरी ने अपने उपन्यासों के प्रकाशनार्थ किस पत्रिका का प्रारंभ किया?
A) हंस 
B) मतवाला 
C) हिन्दुस्तान 
D) जासूस

मंगलवार, 31 मई 2016

UGC-NET&SET-MODEL PAPER-33

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1. हिन्दी का प्रथम गद्य-ग्रंथ है?
A) उक्ति-व्यक्ति प्रकरण 
B) भाषा योगवाशिष्ठ 
C) चंद छंद बरनन की महिमा 
D) चौरासी वैष्णवन की वार्ता

2. दादू सम्प्रदास किस प्रकार का संप्रदाय है?
A) सगुणोपासक 
B) निर्गुणोपासक 
C) उभयात्मक 
 D) नास्तिक

3. महानुभाव संप्रदाय के प्रमुख आराध्य हैं?
A) राम 
B) कृष्ण 
C) शिव 
D) शक्ति

4. मसलानाम के रचनाकार है?
A) कुतुबन 
B) मंझन 
C) जायसी 
D) नूर मुहम्मद

5. पुष्टिमार्ग सिद्धांत के मूल प्रवर्तक कौन हैं?
A) वल्लभाचार्य 
B) विट्ठलनाथ 
C) कुंभनदास 
D) जगजीवन दास

6. तुलसीदास की कौनसी रचना ज्योतिष पर आधारित है?
A) गीतावली 
B) रामलला नहछू 
C) रामज्ञा प्रश्न 
D) जानकीमंगल

7. इनमें रीतिकालीन कवियों की कौनसी मुख्य प्रवृत्ति नहीं रही है?
A) लक्षण ग्रंथ-परम्परा 
B) नायक-नायिका भेद 
C) नखशिख वर्णन 
D) योग-दर्शन

8. 'स्वत्व निज भारत गहै' – यह किसका कथन है?
A) द्विजदेव 
B) ईश्वरचंद्र विद्यासागर 
C) भारतेंदु हरिश्चंद्र 
D) देवेंद्रनाथ

9. 'शिवशंभु के चिट्ठे' किस पत्र-पत्रिका में प्रकाशित हुए थे?
A) विशाल भारत 
B) माधुरी 
C) सरस्वती 
D) भारत मित्र

10. मैथिलीशरण गुप्त का एक उपनाम था?
A) मधुप 
B) राष्ट्रकवि 
C) भारत भारती 
D) मुंशी अजमेरी

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1. 'संदेशरासक' किसकी रचना है?
A) अद्दहमाण 
B) पुष्यदंत 
C) मुल्ला दाऊद 
D) स्वयंभू

2. इनमें से कौन अवधी का कवि नहीं हैं?
A) त्रिलोचन शास्त्री 
B) केदारनाथ अग्रवाल 
C) नरेश मेहता 
D) डॉ.द्वारिकाप्रसाद मिश्र

3. 'हाडौती' किस प्रदेश में बोली जाती है?
A) उत्तर प्रदेश 
B) गुजरात 
C) हरियाणा 
D) राजस्थान

4. देवनागरी लिपि का विकास किस लिपि से हुआ?
A) ब्रह्मी 
B) खरोष्ठी 
C) शारदा 
D) कैथी

5. राजभाषा के संदर्भ में कौनसा क्षेत्र 'क' भाषा-क्षेत्र में नहीं आता?
A) गुजरात 
B) अरूणाचल प्रदेश 
C) उत्तराखंड 
D) अंडमान-निकोबार

6. 'साहित्य का इतिहास दर्शन' किसकी रचना है?
A) नलिन विलोचन शर्मा 
B) सुमन राजे 
C) रांगेय राघव 
D) बच्चन सिंह

7. 'छायावाद' का नामकरण किसने किया?
A) नामवर सिंह 
B) पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
C) मुकुटधर पांडेय 
D) नंददुलारे वाजपेयी

8. इनमें से एक रचना वीरगथापरक रासो काव्य नहीं है?
A) बीसलदेव रासो 
B) खुमाण रासो 
C) हमीर रासो 
D) पृथ्वीराज रासो

9. 'योगप्रवाह' किसकी रचना है?
A) मत्स्येंद्रनाथ 
B) गोरखनाथ 
C) द्विजेंद्रनाथ 
D) यतीन्द्रनाथ

10. अमीर खुसरो ने किस विधा में रचना नहीं की?
A) ग़ज़ल 
B) मुकरी 
C) दो सुखने 
D) रमैनी
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सोमवार, 30 मई 2016

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1. 'हिन्दी नई चाल में ढली।' - किसका कथन है?
A) भारतेंदु हरिश्चंद्र 
B) रामविलास शर्मा
C) रामचंद्र शुक्ल 
D) हजारी प्रसाद द्विवेदी

2. नागरी प्रचारिणी सभा का केंद्रीय कार्यालय कहाँ है?
A) वाराणसी 
B) प्रयाग 
C) वर्धा 
D) कलकत्ता

3. 'राउलबेल' का रचनाकाल माना जाता है?
A) सातवीं शताब्दी 
B) आठवीं शताब्दी 
C) नवीं शताब्दी 
D) दसवीं शताब्दी

4. निम्नलिखित में से कौन-सी रचना नाटक नहीं है?
A) यमगाथा 
B) अपरिभाषित 
 C) टैरीकोटा 
 D) चौराहा

5. 'अपरूप का कवि' किसे कहा जाता है?
A) विद्यापति 
B) अमीर खुसरो 
C) चंदबरदाई 
D) नरपति नाल्ह

6. ईश्वर की कल्पना स्त्री के रूप में की गई है?
A) शिव-नारायणी संप्रदाय में 
B) सूफी संप्रदाय में 
C) कबीरपंथ में 
D) रसिक संप्रदाय में

7. सूफी प्रेमाख्यानक काव्यों में प्रथम रचना है -
A) मृगावती 
B) पद्मावत 
C) चंदायन 
D) मधुमालती

8. रस संप्रदाय का प्राचीनतम उपलब्ध ग्रंथ है?
A) नाट्यशास्त्र 
B) ध्वन्यालोक 
C) अलंकारमंजरी 
D) रसमंजरी

9. प्रथम प्राकृत भाषा है -
A) वैदिक संस्कृति 
B) शौरसेनी 
C) पालि 
D) लौकिक संस्कृत

10. 'सूरा' प्रेमचंद के किस उपन्यास का पात्र है?
A) कर्मभूमि 
B) कायाकल्प 
C) रंगभूमि 
D) वरदान
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1. 'कीर्तिलता' की भाषा है?
A) अवहट्ठ 
B) सधुकडी 
C) अपभ्रंश 
D) प्राकृत

2. मुंडा भाषा किस परिवार की है?
A) द्रविड़ परिवार 
B) तिब्बत – चीनी परिवार 
C) आग्नेय परिवार 
D) आर्य परिवार

3. ग ज ड द ब – किस वर्ग की ध्वनियाँ है?
A) महाप्राण ध्वनियाँ 
B) अल्पप्राण ध्वनियाँ 
C) घोष ध्वनियाँ 
D) अघोष ध्वनियाँ

4. फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना कब हुई?
A) 1800ई. 
B) 1810ई. 
C) 1820ई. 
 D) 1830ई.

5. राजा शिवप्रसाद 'सितारे हिन्द' समर्थक थे?
A) संस्कृतनिष्ठ हिन्दी के
B) अंग्रेजी मिश्रित हिन्दी के
C) आमफहम हिन्दी के
D) फारसी लिपि और फारसी मिश्र हिन्दी के

6. 'एक अशर्फी की आत्मकहानी' के लेखक हैं?
A) वेंकटेश नारायण तिवारी
B) अध्यापक पूर्ण सिंह
C) माधवप्रसाद मिश्र
D) चंद्रधर शर्मा गुलेरी

7. विधा की दृष्टि से 'माटी की मूरतें' है?
A) कहानी
B) रेखाचित्र (रामवृक्ष बेनीपुरी)
C) आत्मकथा
D) रिपोर्ताज

8. आचार्य नन्ददुलारे की आलोचना कही जाती है?
A) सौष्ठवादी आलोचना
B) पुस्तकीय आलोचना
C) प्रगतिशील आलोचना
D) मार्क्सवादी आलोचना

9. महादेवी वर्मा की रचना है?
A) सुखदा 
B) साहित्य सहचर 
C) शेष स्मृतियाँ 
 D) क्षणदा

10. आचार्य विश्वनाथ की रचना है?
A) रसमंजरी 
B) रसगंगाधर 
C) अलंकार 
D) साहित्य दर्पण

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1. इनमें से किसको संविधान की अष्टम अनुसूची में सम्मिलित नहीं किया गया?
A) डोगरी 
B) मैथिली 
C) ब्रज 
D) असमिया

2. विकास की दृष्टि से प्राकृत की पूर्वकालीन अवस्था का नाम है?
A) पालि 
B) संस्कृत 
C) हिन्दी 
D) अवहट्ठ

3. गोकुलनाथ की रचना है?
A) पउम चरिउ 
B) ललित विस्तार 
C) छंदानुशासन 
D) चौरासी वैष्णवन की वार्ता

4. इनमें से कौन सी रचना लल्लूलाल की नहीं है?
A) सिंहासन बत्तीसी 
B) बैताल पच्चीसी 
C) सुख सागर 
D) लाल चंद्रिका

5. इनमें से कौन सा इलाचंद्र जोशी का उपन्यास है?
A) सुनीता 
B) मुक्त पथ 
C) सुखदा 
D) तेरी मेरी उसकी बात

6. इनमें से कौन मनोविश्लेषणवादी कथाकार नहीं है?
A) जैनेन्द्र 
B) चतुरसेन शास्त्री 
C) इलाचंद्र जोशी 
D) अज्ञेय

7. भारतेन्दु हरिश्चंद्र का नाटक है?
A) गोरक्ष विजय 
B) कालिका मंगल 
C) सरस्वती मंगल 
D) विद्यासुंदर

8. इनमें से कौन सा काव्य रामकथा पर आधारित है?
A) भूमिजा 
B) कामायनी 
C) नीरजा 
D) यशोधरा

9. नाटक को पंचम वेद किसने कहा?
A) धनुंजय 
B) भट्टनायक 
C) भरत मुनि 
D) भानुदत्त

10. आगम-वेअ-पुराणेहि, पाणिअ माण वहन्ति – पंक्ति किसकी है?
A) सरहपा 
B) कण्हपा 
C) शबरपा 
D) डोंबिपा