रविवार, 3 अप्रैल 2022

सियारामशरण गुप्त | SIYARAMSHARAN GUPT | INDIAN HINDI POET | साहित्यकार का जीवन परिचय

सियारामशरण गुप्त

(1895 - 1963)

सियारामशरण गुप्त का जन्म झाँसी के निकट चिरगाँव में सन् 1895 में हुआ था। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त इनके बड़े भाई थे। गुप्त जी के पिता भी कविताएँ लिखते थे। इस कारण परिवार में ही इन्हें कविता के संस्कार स्वतः प्राप्त हुए। गुप्त जी महात्मा गांधी और विनोबा भावे के विचारों के अनुयायी थे। इसका संकेत इनकी रचनाओं में भी मिलता है। गुप्त जी की रचनाओं का प्रमुख गुण है कथात्मकता। इन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर करारी चोट की है। देश की ज्वलंत घटनाओं और समस्याओं का जीवंत चित्र इन्होंने प्रस्तुत किया है। इनके काव्य की पृष्ठभूमि अतीत हो या वर्तमान, उनमें आधुनिक मानवता की करुणा, यातना और द्वंद्व समन्वित रूप में उभरा है।

सियारामशरण गुप्त की प्रमुख कृतियाँ हैं : मौर्य विजय, आर्द्रा, पाथेय, मृण्मयी, उन्मुक्त, आत्मोत्सर्ग, दूर्वादल और नकुल।