शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

मलिक मुहम्मद जायसी | MALIK MUHAMMAD JAYASI | INDIAN HINDI POET | साहित्यकार का जीवन परिचय

मलिक मुहम्मद जायसी

(सन् 1492-1542)

मलिक मुहम्मद जायसी अमेठी (उत्तर प्रदेश) के निकट जायस के रहने वाले थे। इसी कारण वे जायसी कहलाए। वे अपने समय के सिद्ध और पहुँचे हुए फ़कीर माने जाते थे। उन्होंने सैयद अशरफ और शेख बुरहान का अपने गुरुओं के रूप में उल्लेख किया है।

जायसी सूफ़ी प्रेममार्गी शाखा के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं और उनका पद्मावत प्रेमाख्यान परंपरा का सर्वश्रेष्ठ प्रबंधकाव्य है। भारतीय लोककथा पर आधारित इस प्रबंधकाव्य में सिंहल देश की राजकुमारी पद्मावती और चित्तौड़ के राजा रत्नसेन के प्रेम की कथा है। जायसी ने इसमें लौकिक कथा का वर्णन इस प्रकार किया है कि अलौकिक और परोक्ष सत्ता का आभास होने लगता है। इस वर्णन में रहस्य का गहरा पुट भी मिलता है। प्रेम का यह लोकधर्मी स्वरूप मानवमात्र के लिए प्रेरणादायी है।

फ़ारसी की मसनवी शैली में रचित बराबर चलती रहती है। स्थान-स्थान पर काव्य की कथा सर्गों या अध्यायों में बँटी हुई नहीं है, के रूप में घटनाओं और प्रसंगों का उल्लेख अवश्य है। जायसी ने इस काव्य-रचना के लिए दोहा-चौपाई की शैली अपनाई है। भाषा उनकी ठेठ अवधी है और काव्य-शैली अत्यंत प्रौढ़ और गंभीर। जायसी की कविता का आधार लोकजीवन का व्यापक अनुभव है। उनके द्वारा प्रयुक्त उपमा, रूपक, लोकोक्तियाँ, मुहावरे यहाँ तक कि पूरी काव्य-भाषा पर ही लोक संस्कृति का प्रभाव है जो उनकी रचनाओं को नया अर्थ और सौंदर्य प्रदान करता है।

पद्मावत, अखरावट और आखिरी कलाम जायसी की प्रमुख काव्य-कृतियाँ हैं, जिनमें पद्मावत उनकी प्रसिद्धि का प्रमुख आधार है।