मंगलवार, 11 जनवरी 2022

प्रेमी ढूँढ़त मैं फिरौं, प्रेमी मिले न कोइ | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE | नीति दोहे | #shorts | #hindi | #india

कबीर के दोहे


प्रेमी ढूँढ़त मैं फिरौं, प्रेमी मिले न कोइ।

प्रेमी कौं प्रेमी मिलै, सब विष अमृत होइ।।

*******