शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

कहलाने एकत बसत अहि मयूर, मृग बाघ | बिहारी के दोहे | BIHARI KE DOHE | #shorts | #CBSE | #HINDI | #india

बिहारी के दोहे


कहलाने एकत बसत अहि मयूर, मृग बाघ।

जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघ-दाघ निदाघ।।

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