शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

हिन्दी साहित्य का इतिहास – रीतिबद्ध काव्य की मुख्य प्रवृत्तियाँ

हिन्दी साहित्य का इतिहास – रीतिबद्ध काव्य की मुख्य प्रवृत्तियाँ 

*** रीतिबद्धता रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ है......

*** इस धारा के आचार्य कवियों ने अलंकारनिरूपण, रसनिरूपम, नायकाभेदनिरूपण आदि की सुदृढ़ और व्यापक परंम्परा हिन्दी में स्थापित की।

*** रीतिबद्ध काव्य की मुख्य प्रवृत्तियाँ इस वीडोयो में प्रस्तुत है.....

*** रीतिबद्ध काव्य के प्रमुख कवियों और उनकी रचनाओं के विषय में जानकारी देना............

*** रीतिबद्ध काव्य के प्रमुख कवि # आचार्य केशवदास, चिन्तामणि, जयवंत सिंह, मतिराम, भूषण, देव, कुलपति मिश्र, भिखारीदास, पद्माकर, श्रीपति मिश्र, मंडन, कालिदास त्रिवेदी, सुखदेवमिश्र, सुरतिमिश्र, ग्वालकवि, रूपसाहि, रसलीन, रसनिधि आदि के बारे में संक्षिप्त परिचय देना आदि.........