रविवार, 29 जनवरी 2017

आदिकाल : नामकरण एवं सीमा निर्धारण

आदिकाल : नामकरण एवं सीमा निर्धारण

इस वीडियो में आदिकाल के नामकरण एवं सीमा निर्धारण की कठिनाइयों को समझाया।

*** मुख्यतः आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी और डॉ. रसाल द्वारा किया गया नामकरण उचित समझते है।

*** आचार्य रामचंद्रशुक्ल द्वारा निर्धारित अंतिम समय सीमा सन् 1318 तक उचित मानते है।

*** मिश्रबंधु – आदिकाल को प्रारंभिक काल माना।

*** ग्रियर्सन – आदिकाल को चारणकाल माना।

*** आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी और डॉ. रसाल - आदिकाल माना।

*** रामकुमार वर्मा – संधिकाल,चारणकाल कहा।

*** राहुल सांकृत्यायन सिद्ध सामंतकाल माना।

*** विश्वनाथ प्रसाद मिश्र – वीरगाथाकाल माना।

*** आचार्य रामचंद्रशुक्ल – आदिकाल को वीरगाथा काल माना।

*** आचार्य रामचंद्रशुक्ल ने जिन बारह ग्रन्थों को आधार माना – वे इस प्रकार है।

1. विजयपाल रासो (नल्लसिंह – संवत् 1355)

2. खुमानरासो (दलपति विजय – संवत् 1180-1205)

3. बीसलदेव रासो (नरपति नाल्हा – संवत् 1292)

4. पुथ्वीराज रासो (चंदबरदाई – संवत् 1225 – 1249)

5. जयचंद्र प्रकाश ( भट्टकेदार – संवत् 1225)

6. जयमयंक जस चंद्रिका ( मधुकर कवि – संवत् 1240)

7. हम्मीररासो (शाङगंधर – संवत् 1375)

8. परमालरासो ( जगनिक – संवत् 1230)

9. कीर्तिलता ( विद्यापति – संवत् 1460)

10. कीर्तिपताका (विद्यापति – संवत् 1460)

11. विद्यापति पदावली ( विद्यापति – संवत् 1460)

12. खुसरो की पहेलियाँ (अमीर खुसरो – संवत् 1330)