मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

भारवि

भारवि


कालिदास के पश्चात संस्कुत कवियों में 'भारवि' का महत्व पूर्ण स्थान है। भारवि की प्रसिद्द काव्य किरातार्जुनीयम् महाकाव्य है, जिसकी कथावस्तु महाभारत से ली गई है। इसमें अर्जुन तथा किरात वेशधारी शिव के बीच युद्ध का वर्णन है। अंत में शिव प्रसन्न होकर अर्जुन को 'पाशुपतास्त्र' प्रदान करते हैं। कवि ने बड़े से बड़े अर्थ को थोड़े से शब्दों में प्रकट कर अपनी काव्य कुशलता का परिचय दिया है। इसकी भाषा उदात्त एवं हृदय भावों को प्रकट करने वाली है। प्रकृति के दृश्यों का वर्णन भी अत्यन्त मनोहारी है।