बुधवार, 18 जुलाई 2018

मैं हिजड़ा..... मैं लक्ष्मी में किन्नर विमर्श - मिलन बिश्नोई

पुस्तक लोकार्पण समारोह


मैं हिजड़ा..... मैं लक्ष्मी में किन्नर विमर्श

“मैं हिजड़ा..... मैं लक्ष्मी में किन्नर विमर्श” पुस्तक में किन्नर समाज की हाशियाकृत स्थिति को देखते हुए, उनके जीवन यथार्थ को सभ्य कहलानेवाले समाज की विडंबना को उजागर करने का प्रयास किया है। सरकारी फाइलों में संवैधानिक दर्जा मिलने के बावजूद सामाजिक स्तर पर उनका जीवन अत्यंत संघर्षपूर्ण है। यह अधिकार उन्हें सामाजिक स्तर पर नही मिला। पूरे समाज में उनकी स्थिति बदलाने का प्रयार इस पुस्तक के माध्यम से किया गया है। किन्नरों की प्राचीन दशा सांस्कृतिक, पौराणिक व मिथकीय दृष्टि भी इसमें समाहित है। किन्नरों की शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं को हमारे सामने लाने का प्रयत्न यह पुस्तक किया है।


मुख्य अतिथि प्रो.ए.पी.दाश, कुलपति, 
तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय,तिरूवारूर।




पुस्तक का लोकार्पण प्रति कुलपति महोदय द्वारा किया गया और उन्होंने किन्नर समाज और विमर्श को अपने विचार रखे और इस पुस्तक के लिए बधाई देते हुए बहुत ही सराहना की ।




मुख्य वक्ता प्रो. एस.वी.एस.एस.नारायणराजु. हिन्दी विभागाध्यक्ष, तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय,तिरूवारूर

हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो.एस.वी.एस.एस.नारायणराजु जी अपने वक्तव्य में कहा कि किन्नरों की यथार्थ जीवन समाज के सामने लाने का प्रयास बहुत सराहनीय...... 

सी.एम.ए.वी. पलानी, वित्त अधिकारी, तमिलनाडु केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय, तिरुवारूर

पुस्तक का लोकार्पण प्रति कुलपति महोदय द्वारा......






धन्यवाद..

मिलन बिश्नोई, शोधार्थी
हिन्दी विभाग,
तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय,
तिरूवारूर।
नंबर : 6380568643/8501070323 
(अगर आपको इस पुस्तक की जानकारी केलिए..)

मंगलवार, 1 मई 2018

12. APTET-DSC-तुलसीदास -THE HINDI ACADEMY


12. APTET-DSC-तुलसीदास -THE HINDI ACADEMY 12. APTET-DSC-तुलसीदास -THE HINDI ACADEMY

तुलसीदास

तुलसीदास 

1. तुलसीदास को “कलिकाल का बाल्मिकी” किसने कहा है?
रामचन्द्र शुक्ल
हजारी प्रसाद व्दिवेदी
नाभादास
अकबर

2. ‘स्मिथ’ ने तुलसीदास को निम्न संज्ञा दी ----
लोकनायक
रामभक्त कवि
मुगलकाल का सबसे बडा आदमी
सर्वश्रेष्ठ कवि

3. किस कवि ने भक्ति काल में प्रचलित अवधी,ब्रज,तथा संस्कृत तीनों भाषाओं में काव्य रचनाएं की?
सूरदास
कबीरदास
मलिक मोहम्मद जायसी
तुलसीदास

4. निम्नलिखित में से तुलसीदास की रचनाओं की भाषा ब्रज नहीं है?
कवितावली, गीतावली
कृष्ण गीतावली, विजय पत्रिका
हनुमान बाहुक
पार्वती मंगल, जानकी मंगल

5. तुलसीदास व्दारा बीस सोहर-छंदों में रचित एकार्थक काव्य है---
रामलल्ला नहछू
वैराग्य संदीपनी
कवितावली
गीतावली
6. ‘पार्वती मंगल’ को अप्रमाणिक मानने वाले विव्दान थे ----
शिव सिंह सेंगर
जॉर्ज ग्रियर्सन
मिश्रबन्धु
रामचन्द्र शुक्ल

7. तुलसी की भक्ति का स्वरूप क्या था ?
दास्य
सख्य
वात्सल्य
मातृ

8. तुलसीदास ने रामकथा के बहाने शुभ-अशुभ शकुनों पर विचार किस रचना में किया है?
रामाज्ञा प्रश्न
हनुमान बाहुक
बरवै रामायण
विनय प्रत्रिका में

9. “बरवै नायिका भेद” किस काल की रचना है?
भक्तिकाल
आदिकाल
रीतिकाल
आधुनिक काल

10. ‘चरन कमल बन्दौं हरिराई’ किस रचना की पंक्ति है?
सूरसागर
भ्रमरगीत
कवितावली
गीतावली

11. APTET-DSC-कबीरदास -THE HINDI ACADEMY