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रविवार, 23 जुलाई 2023

छूना और देखना |Jo Dekhakar Bhee Nahin Dekhte | cbse | hindi

छूना और देखना


तुम जानते ही हो कि हम आसपास की दुनिया को अपनी इंद्रियों की मदद से महसूस करते हैं। आँखों से देखते हैं, कानों से सुनते हैं, नाक से सूँघते हैं, जीभ से स्वाद लेते हैं और त्वचा से छूकर किसी चीज़ का अनुभव करते हैं। आओ हम प्रयोगशाला में अपनी नज़र और स्पर्श के माध्यम से कुछ प्रयोग करें और चित्र बनाकर देखें कि हम लोग अपनी आँखों से कितना बारीक अवलोकन कर पाते हैं और कितना छूकर।

इस गतिविधि के लिए आठ-दस किस्म के पेड़-पौधों की पत्तियों की ज़रूरत होगी और तीन चार साथियों की भी। जितने दोस्त इस प्रयोग में शामिल होना चाहें, उतने कागज़ के लिफ़ाफ़े पास रखने होंगे जिनसे आर-पार दिखे।

हर लिफ़ाफ़े में एक पत्ती डाल दो। हर दोस्त को एक-एक लिफ़ाफ़ा दे दो। हाँ, यह ध्यान रखना कि तुम्हारे दोस्त यह न देख पाएँ कि उनके लिफ़ाफ़े में किस तरह की पत्ती डाली जा रही है।

अब तुम अपने दोस्तों से यह कहो कि वे अपने-अपने हाथ डालकर पत्ती को छुएँ। अंदाज़ा लगाएँ कि उनके पास किस पौधे की पत्ती है। पत्ती के आकार को टटोलें और उसका चित्र बनाने का प्रयास करें। इस पूरी प्रक्रिया में पत्ती को आँखों से नहीं देखना है।

जब बिना देखे चित्र बनाने का कार्य पूरा हो जाए तो लिफ़ाफ़े से पत्ती निकाल कर सामने रखें और उसे देखकर चित्र बनाएँ।

*** कौन सा चित्र ज़्यादा बारीकी से बना है? बिना देखे बनाया हुआ या देखकर बनाया हुआ?

*** क्या और कोई तरीका भी है जिससे पत्ती को बिना देखे पहचानने में सहयोग मिल सकता है?