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बुधवार, 23 मार्च 2022

धीरंजन मालवे | DHIRNJAN MALVE | INDIAN HINDI POET | साहित्यकार का जीवन परिचय

धीरंजन मालवे 

1952

धीरंजन मालवे का जन्म बिहार के नालंदा जिले के हुँवरावाँ गाँव 9 मार्च 1952 हुआ। ये एम. एससी. (सांख्यिकी), एम.बी.ए. और एल.एल.बी. आकाशवाणी और दूरदर्शन जुड़े मालवे अभी वैज्ञानिक जानकारी को लोगों तक पहुँचाने हुए आकाशवाणी और (लंदन) कार्य विज्ञान पत्रिका और प्रसारण

मालवे की भाषा सीधी, सरल और वैज्ञानिक शब्दावली लिए है। यथावश्यक अन्य भाषाओं शब्दों प्रयोग भी हैं। मालवे भारतीय वैज्ञानिकों की संक्षिप्त जीवनियाँ लिखी जो इनकी पुस्तक 'विश्व-विख्यात वैज्ञानिक' पुस्तक में समाहित हैं।

'वैज्ञानिक के वाहक रामन्' में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रथम भारतीय वैज्ञानिक संघर्षमय जीवन का चित्रण किया गया है। वेंकट रामन् कुल ग्यारह साल उम्र में मैट्रिक, विशेष साथ इंटरमीडिएट, और अंग्रेज़ी में स्वर्ण पदक साथ बी.ए. और प्रथम में करके मात्र अठारह साल की उम्र कोलकाता भारत सरकार के फाइनेंस डिपार्टमेंट सहायक जनरल एकाउंटेंट कर लिए गए थे। इनकी प्रतिभा से इनके अध्यापक तक अभिभूत थे।

1930 में नोबेल पुरस्कार पाने के बाद सी.वी. रामन् अपने एक मित्र उस पुरस्कार के बारे में लिखा था जैसे ही पुरस्कार लेकर मुड़ा और देखा जिस स्थान मैं बैठाया गया था, उसके ऊपर ब्रिटिश राज्य का 'यूनियन जैक' लहरा रहा तो मुझे अफ़सोस कि मेरे दीन देश भारत की अपनी पताका तक नहीं इस अहसास मेरा गला आया मैं फूट-फूट रो पड़ा।