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रविवार, 16 जनवरी 2022

नेल्सन मंडेला | NELSON MANDELA | रंगभेद का विरोध | नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस | मदीबा

नेल्सन मंडेला | NELSON MANDELA 


मंडेला के नाम से विश्वभर में प्रख्यात शांतिदूत का पूरा नाम नेल्सन रोलिहलहला मंडेला था। उनका जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका में हुआ। वे दक्षिण अफ्रिका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट "उमखोतों वे सिजवे" के अध्यक्ष रहे। रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन द्वीप के कारागार में बिताया। उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा था। सन् 1990 में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। वे दक्षिण अफ्रीका एवं समूचे विश्व में रंगभेद का विरोध करने के प्रतीक बन गये।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनके जन्मदिन को “नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया। दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला को व्यापक रूप से “राष्ट्रपिता" मानते हैं। उन्हें लोकतंत्र के प्रथम संस्थापक और उद्धारकर्ता के रूप में देखा जाता था। दक्षिण अफ्रीका में प्रायः उन्हें “मदीबा" कह कर बुलाया जाता है। यह शब्द बुज़ुर्गों के लिए सम्मान सूचक है। उन्हें अब तक 250 से भी अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। सन् 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार, भारत रत्न पुरस्कार और सन् 2008 में गाँधी शांति पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनका स्वर्गवास 23 नवंबर, 2013 को हुआ। ऐसे महान शांतिदूत के निधन पर सारे विश्व ने अपूर्व श्रद्धांजलि समर्पित की। इनका संघर्षमय जीवन हमें शांति की राह में चलने के लिए पथ प्रदर्शित करता है।

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