रविवार, 27 मार्च 2016

श्रीशैलम् एक महान पुण्यक्षेत्र

श्रीशैलम् एक महान पुण्यक्षेत्र

श्रीशैलम् एक पवित्र शैव क्षेत्र है। कर्नूल जिला, नल्लमलाँ पहाड का यह सुप्रसिद्द प्राचीन पुण्य क्षेत्र है। यहाँ भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी और भ्रमरांबिकादेवी की पूजा हो रही है। यह भगवान शिव के बाहर ज्योतिलिंगो में से एक है। ऐतिहासिक विषय है कि बैद्धधर्म के आचार्य नागार्जुन इसी पहाड पर रहते थे। श्री शंकराचार्य ने शिवनंदलहरी में श्री शैलेश्वर की स्तुति की। सारे पुण्य क्षेत्र, सर्वतीर्थ युक्त यह सिद्ध क्षेत्र साक्षात भूलोक कैलाश, अखंड भूमंडल में आध्यात्मिक सुसंपन्न भारत खंड में श्रीशैलम एक महान पुण्यक्षेत्र है। पौराणिक शिखर श्रीशैलम की प्रधानता, क्षेत्र का प्रस्तापन, भक्त शिलाद की कहानी, करवीर की कहानी, त्रिपुरासुर संहार, पाताल गंगा की महानता, साक्षिगणेश, नंदी मंडलम, ओंकार क्षेत्र की महिमा दर्शन का फल द्वारा तथा उपदार, शंकरी पुर, खेचरी बिलम, अलंपूर, रससिद्ध की कहानी, अक्कमहादेवी की कहानी, भ्रमरांब की कहानी, ऐलेश्वर के क्षेत्र तथा तीर्थ, मुक्ति शिखरम, फलधृति आदि विषयों की विशेषताएँ यहाँ उपलब्ध है। इस पुण्यस्थल का दर्शन हमारे लिए सौभाग्य है।